जो देश अपनी ही भाषा में काम नहीं करते वे हमेशा पिछड़े रहते हैं : नरेश सक्सेना जो देश अपनी ही भाषा में काम नहीं करते वे हमेशा पिछड़े रहते हैं : नरेश सक्सेना

Written by  परिकल्पना संपादकीय टीम   |  December 4, 2012  |   3 16 जनवरी 1939 को ग्वालियर में जन्में नरेश सक्सेना उन कुछ विरल क...

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2:58 pm

ऐतिहासिक रहा ब्लॉगरों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ऐतिहासिक रहा ब्लॉगरों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन

Written by  परिकल्पना संपादकीय टीम   |  August 28, 2012  |   45 दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन करते वरिष्ठ साहित्यकार उ...

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3:11 pm

परिकल्पना सम्मान-2011 (समाचार) परिकल्पना सम्मान-2011 (समाचार)

27 अगस्त 2012 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुए  तस्लीम परिकल्पना  सम्मान समारोह व अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर स...

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3:02 pm

उपन्यास अंश- १२ (ताकि बचा रहे लोकतंत्र ) उपन्यास अंश- १२ (ताकि बचा रहे लोकतंत्र )

(बारह) आकाशवाणी  का रिकॉर्डिंग कक्ष, ताहिरा के निर्देशन में काव्य नाटिका ’बे टिकट सफर’ का प्रसारण, जिसमें केबल दो पात्र टी टी और नवयुवक...

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4:53 pm

रवीन्द्र प्रभात ने प्रेम के स्वरुप को देह से निकालकर अध्यात्म तक पहुंचाया : प्रताप सहगल रवीन्द्र प्रभात ने प्रेम के स्वरुप को देह से निकालकर अध्यात्म तक पहुंचाया : प्रताप सहगल

Written by  परिकल्पना संपादकीय टीम   |  March 5, 2012  |   11 प्रेम न हाट बिकाय (उपन्यास ) का लोकार्पण करते हुए प्रताप सहगल, साथ...

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3:05 pm
 
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