उपन्यास अंश-९ (ताकि बचा रहे लोकतंत्र)
(नौ) वैशाली एक्सप्रेस के आरक्षण डिब्बे में शौचालय के आस - पास मुंह लटकाये बैठा है झींगना । उसके मन में कुछ खदबदा रहा है । वह अथाह सोच ...
🔽विश्व ब्लॉगकोश से जुड़ें और दर्ज कराएं अंतर्जाल पर अपनी सार्थक उपस्थिति
|
(नौ) वैशाली एक्सप्रेस के आरक्षण डिब्बे में शौचालय के आस - पास मुंह लटकाये बैठा है झींगना । उसके मन में कुछ खदबदा रहा है । वह अथाह सोच ...
( आठ ) नगर थाना के बन्दीगृह के एक कोने में बैठा सुबक रहा झींगना । समझ नहीं पा रहा वह , कि कल रात हुए उस हिंदू - ...