उपन्यास अंश-९ (ताकि बचा रहे लोकतंत्र) उपन्यास अंश-९ (ताकि बचा रहे लोकतंत्र)

(नौ) वैशाली एक्सप्रेस के आरक्षण डिब्बे में शौचालय के आस - पास मुंह लटकाये बैठा है झींगना । उसके मन में कुछ खदबदा रहा है । वह अथाह सोच ...

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7:16 pm

उपन्यास अंश-८ ( ताकि बचा रहे लोकतंत्र ) उपन्यास अंश-८ ( ताकि बचा रहे लोकतंत्र )

( आठ ) नगर थाना के बन्दीगृह के एक कोने में बैठा सुबक रहा झींगना । समझ नहीं पा रहा वह , कि कल रात हुए उस हिंदू - ...

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10:42 pm
 
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